अब तक की नस्लवाद-रोधी डेटा समिति की प्रगति
नस्लवाद विरोधी डेटा समिति (एंटी-रेसिज्म डेटा कमेटी) ऐसी कई परियोजनाओं पर सरकार के साथ सहयोग कर रही है जो सार्वजनिक क्षेत्र में प्रणालीगत नस्लवाद की पहचान करने और संबोधित करने में मदद करेगी। समिति ने अक्टूबर 2022 में अपनी पहली बैठक की थी।
अपनी पहली छह बैठकों के दौरान, समिति ने सम्मानजनक व सांस्कृतिक रूप से ऐसा सुरक्षित परिवेश निर्मित करने पर ध्यान केन्द्रित किया जहां सभी सदस्य महसूस करते थे कि वे महत्त्वपूर्ण हैं और उनकी बात सुनी जाती है।
समिति ने ऐसी सात शोध प्राथमिकताओं की संस्तुति की जो यह रेखांकित करती हैं कि नस्लीय समुदायों के लिए सबसे प्रासंगिक क्या है। 29 मई, 2023 को यह प्राथमिकताएं जारी की गईं। वे अगले दो वर्षों में व्यवस्थागत नस्लवाद पर हमारी शोध में मार्गदर्शन करेंगी।
काम करने का एक अलग तरीका
हमने कई मूल निवासीयों और अन्य नस्लीय लोगों से सुना है कि उन्हें कम मान्यता मिल रही है क्योंकि हमारी सेवाओं को उन्हें ध्यान में रखते हुए नहीं बनाया गया था।
समिति को सरकार के साथ मिल कर काम करने के लिए इसलिए बनाया गया था कि हम अपने कार्यक्रमों और सेवाओं में प्रणालीगत नस्लवाद की पहचान करने और उसे समाप्त करने के लिए व्यक्तिगत जानकारी का सुरक्षित रूप से उपयोग कैसे कर सकते हैं। इस काम में मदद करने के लिए, समिति ने बी सी जनसांख्यिकीय सर्वेक्षण पर सलाह भी प्रदान की है। यह सर्वेक्षण बी.सी. को अधिक न्यायसंगत प्रांत बनाने में मदद करेगा।
अनुभव और विशेषज्ञता एक साथ
समिति के सदस्य नस्लीय समुदायों और बी.सी. के भौगोलिक क्षेत्रों के विस्तृत प्रतिनिधित्व से हैं।
कमेटी के सदस्य इस कार्य के लिए अपनी विविध विशेषज्ञता और अपने निजी अनुभवों के साथ शामिल हो रहे हैं। यह समृद्ध नज़रिया सरकार को यह सुनिश्चित करने में मदद कर रहा है कि नस्लवाद- विरोधी डेटा एक्ट (एंटी-रेसिज़्म डेटा एक्ट) को नस्लीय समुदायों द्वारा सूचित जानकारी के आधार पर लागू किया जा रहा है , जिसमें फर्स्ट नेशंस, इनुइट और मेटीस (Métis) लोग भी शामिल हैं।
क्या आप जानते हैं?
नस्लवाद-विरोधी डेटा समिति (एंटी-रेसिज्म डेटा कमेटी) को नस्लवाद-विरोधी डेटा एक्ट (एंटी-रेसिज़्म डेटा एक्ट) के हिस्से के रूप में बनाया गया था।