बी.सी. लोक सेवा में नस्लीय विविधता

वर्तमान में बी.सी. लोक सेवा के भीतर कर्मचारियों के रूप में मूल निवासी और नस्लीय समुदायों का प्रतिनिधित्व कम है।
प्रबंधन भूमिकाओं के लिए यह अंतर और भी बड़ा है।

हमने क्या सीखा और अगले कदम क्या हैं?

एक सार्वजनिक सेवा जो बी.सी. में लोगों की प्रतिनिधि है, हमें ऐसी सेवाएं प्रदान करने में मदद कर सकती है जो सभी के लिए कारगर हों।

अनुसंधान का पहला चरण इस पर केंद्रित है:


यह शोध किस बारे में है?

यह शोध सार्वजनिक सेवा में नस्लीय विविधता के वर्तमान स्तर को दर्शाता है।

हम सरकार के भीतर भेदभाव और व्‍यवस्‍थागत नस्‍लवाद को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऐसा करने का एक तरीका यह है कि बी.सी. लोक सेवा को उस आबादी के प्रति अधिक प्रतिबिंबित किया जाए जिसकी वह सेवा करती है।

यह महत्वपूर्ण क्यों है?

हमारी सरकार एक औपनिवेशिक संस्था है. इसे नस्लवादी और भेदभावपूर्ण मान्यताओं, नीतियों, दृष्टिकोण और व्यवहार द्वारा आकार दिया गया था। यह आधार अब तक बदला नहीं है और इसके कारण आज दिखाई देने वाला नस्लवाद और भेदभाव जन्म लेता है।

इसका मतलब यह है कि व्‍यवस्‍थागत नस्‍लवाद के कारण पीढ़ियों से मूल निवासियों और नस्लीय लोगों को अलग-थलग रखा गया है।

हमने किस डेटा का उपयोग किया?

परिणामों की खोज करें

हमने किस डेटा का उपयोग किया?

यह अध्ययन लगभग 30,600 लोगों के बारे में है जो जनवरी 2022 में बी.सी. सरकार में कार्यरत थे।

साथ ही, 2007 में शुरू होने के बाद से 406 स्वदेशी प्रशिक्षुओं ने इंडिजिनस यूथ इंटर्नशिप प्रोग्राम में भाग लिया।

इस शोध के लिए हमने उपयोग किया:

इस परियोजना पर कौन काम कर रहा है?

बी.सी. स्‍टैट्स और बी.सी. लोक सेवा एजेंसी इस शोध पर मिलकर काम कर रहे हैं।

​भविष्य के चरणों में, हम नस्लीय समानता पर ध्यान केंद्रित करेंगे और कर्मचारियों के अनुभवों पर ध्यान से देखना शुरू करेंगे।

क्या आप और अधिक जानना चाहते हैं?