शोध प्राथमिकताएँ

प्रणालीगत नस्लवाद ने सरकारी सेवाओं में अवरोध और असमानता पैदा की है। इसे संबोधित करने के लिए, हमें यह जानना होगा कि यह कहां हो रहा है और कौन प्रभावित है। एंटी-रेसिज्म डेटा एक्ट हमें इन मुद्दों पर गौर करने के लिए आवश्यक टूल्स दे रहा है।
एंटी-रेसिज्म डेटा एक्ट के तहत, हमें हर दो साल में शोध प्राथमिकताएं निर्धारित करनी होती हैं। यह पृष्ठ वर्तमान शोध प्राथमिकताओं और उन्हें कैसे विकसित किया गया, इसका विवरण देता है। इन प्राथमिकताओं का उद्देश्य सरकार को ऐसे शोध की ओर ले जाना है जो प्रणालीगत बाधाओं की पहचान करता है और नस्लीय समानता को आगे बढ़ाने के लिए कार्रवाई की आवश्यकता रखता है।
हम मूल निवासियों के साथ परामर्श और सहयोग के माध्यम से और एंटी-रेसिज्म डेटा कमेटी के साथ मिलकर शोध प्राथमिकताएँ विकसित करते हैं। इस तरह से प्राथमिकताएं निर्धारित करने से हमारे शोध को उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है जो मूल निवासियों और नस्लीय समुदायों के लिए सबसे ज़्यादा मायने रखते हैं।
कुछ प्राथमिकताएँ ऐसे क्षेत्रों में हो सकती हैं जहां सरकार के पास डेटा की कमी है या जहां सामुदायिक नुकसान से बचने के लिए डेटा संग्रह सीमित है। उन्हें प्राथमिकताओं के रूप में नामित करके हम सूचना में अंतराल और सूचना तक पहुंचने में बाधाओं की जांच करने में सक्षम हैं, और उन अंतरालों को सुरक्षित रूप से भरने के लिए कार्यक्रम क्षेत्रों का समर्थन करते हैं।
शोध प्राथमिकताओं पर हमारा काम मौजूदा शोध और सिफारिशों (उदाहरण के लिए, इन प्लेन साइट रिपोर्ट, जो स्वास्थ्य देखभाल में मूल निवासी स्वदेशी-विरोधी नस्लवाद पर केंद्रित है) पर आधारित है, और हमें बी.सी. में औपनिवेशिक नीतियों की विरासत को समझने में मदद करता है। शोध मूल निवासियों की डेटा संप्रभुता और आत्मनिर्णय और अन्य महत्वपूर्ण प्रोसेस कमिटमेंट के लिए एक डिस्टिंक्शन बेस्ड अप्रोच द्वारा निर्देशित है।
संबंधित विषय
अनुसंधान प्राथमिकताएं 2025-2027
मई 30 2025 को, हमने 2025-2027 के लिए अनुसंधान प्राथमिकताएं प्रकाशित कीं।
इन प्राथमिकताओं को तैयार करने के लिए, मूल निवासियों और एंटी-रेसिज्म डेटा कमेटी ने पिछले कुछ वर्षों में भागीदारों, समुदाय के सदस्यों और अधिवक्ताओं से एकत्रित फीडबैक, रिपोर्टों और सिफारिशों पर विचार किया।
2025-2027 के लिए कई शोध प्राथमिकताएं पिछली प्राथमिकताओं और कार्रवाई के आह्वान पर आधारित हैं। यह इन मुद्दों की लगातार और दबावपूर्ण प्रकृति और नस्लीय समुदायों और बी.सी. में स्वदेशी लोगों के अधिकारों और हितों पर उनके ऐतिहासिक और निरंतर प्रभाव को दर्शाता है।

स्वदेशी लोगों की अनुसंधान प्राथमिकताएँ
2025-2027 की शोध प्राथमिकताएँ उन सामान्य विषयों को दर्शाती हैं जो हमने परामर्श और सहयोग प्रक्रिया में भाग लेने वाले स्वदेशी लोगों से सुने हैं। वे बी.सी. में फर्स्ट नेशंस, मेटिस और इनुइट लोगों के सामने आने वाले प्रणालीगत नस्लवाद के सभी विशिष्ट और अनूठे मुद्दों को नहीं दर्शाते हैं।
एंटी-रेसिज्म डेटा कमेटी की अनुसंधान प्राथमिकताएं
एंटी-रेसिज्म डेटा कमेटी ने 2025-2027 के लिए नौ प्राथमिकताओं की सिफारिश की है। इनमें से सात प्राथमिकताएं पिछली प्राथमिकताओं पर आधारित हैं जबकि दो शोध के नए क्षेत्र हैं।

धन्यवाद
शोध की प्राथमिकताएँ निर्धारित करने में काफी समय और प्रयास लगता है। नस्लवाद के अनुभवों पर विचार करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है और यह काम भावनात्मक रूप से बहुत भारी पड़ता है। हम अपनी सिफ़ारिशें साझा करने और हम पर भरोसा करने की उनकी इच्छा के लिएउन भागीदारों और व्यक्तियों के आभारी हैं जिन्होंने योगदान दिया।
उनके विचारशील इनपुट के साथ, हमने प्राथमिकताओं की एक सूची बनाई है जो मूल निवासियों और नस्लीय समुदायों के हितों को दर्शाती है और सरकार भर में अनुसंधान को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। यह सूची आने वाले वर्षों में प्रणालीगत नस्लवाद की पहचान करने और उसे संबोधित करने तथा नस्लीय समानता को आगे बढ़ाने के हमारे चल रहे प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
खोज कैसे की जाएगी?
एंटी-रेसिज़्म डेटा ऐक्ट के तहत, हमारा लक्ष्य विश्वास, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है। इस के साथ ही, मूल निवासी लोगों (इंडीजनस पीपलज़) और नस्लीय समुदायों को होने वाले नुकसान को रोकना और कम करना भी महत्वपूर्ण है।
हमने एंटी-रेसिज़्म डेटा कमेटी और मूल निवासी लोगों के साथ मिल कर पांच प्रक्रियागत प्रतिबद्धताओं को विकसित करने के लिए सहयोग में काम किया। ऐक्ट के तहत यह प्रतिबद्धताएं प्रत्येक खोज परियोजनाओं पर लागू होती हैं।
मूल निवासी डेटा संप्रभुता (इंडीजनस डेटा सोवरनिटी)
मूल निवासी डेटा संप्रभुता और आत्मनिर्णय के लिए एक विशिष्टता-आधारित दृष्टिकोण द्वारा निर्देशित।


डेटा न्याय
डेटा न्याय इस बात को स्वीकार करता है कि डेटा में समुदायों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ सामान्यता और सामाजिक न्याय बढ़ाने के लिए डेटा की शक्ति का प्रयोग हुआ है।
अंतरानुभाग्यता (इंटरसैकशनैलिटी)
किसी व्यक्ति को एक से अधिक प्रकार के भेदभाव और/या छोटा महिसूस कराए जाने का अनुभव हो सकता है।
नस्लवाद-विरोधी और लिंग आधारित दृष्टिकोण को बनाए रखते हुए खोज व्यक्ति की संपूर्ण पहचान पर आधारित होनी चाहिए।


पारदर्शिता
विश्वास बनाने के लिए, हमें डेटा संग्रह के उद्देश्य और उस से मिलने वाले लाभ के बारे में स्पष्ट तौर पर बताना चाहिए।
इसका मतलब यह है कि डेटा, कार्यप्रणाली और निष्कर्षों को कैसे और कब सांझा करना है, यह समझने के लिए समुदायों के साथ काम करना।
भागीदारी को जारी रखना
हम समुदायों और भागीदारों के साथ संबंध बनाना और उन्हे और मज़बूत करना जारी रखेंगे।
इस से सुनिश्चित रूप से मूल निवासी लोगों और अन्य नस्लीय व्यक्तियों की ज़रूरतें, अनुभव और जानकारी डेटा संग्रह और खोज का मार्गदर्शन करेंगे।
